जिंदिगी तेज़ गाड़ी की रफ़्तार की तरह चलती जा रही है और समय की घडी बचपन से जवानी से बुढापे का सफार इतनी तीज रफ़्तार मैं चला रही है हमारे पैदा होने से हमारे सेवानिवृत होने तक की आयु ६० वर्ष होती है दोस्तों इससे हम ३६५ x ६० = २१९००० इतने ही दिन इन् ६० सालो मैं हमें जीना है और इसमें से ५० परसेंट रात के सोने के लिए शाम से सवेरे की तरफ बचते है केवल ११००० हजार दिन और हम उतना भी नहीं कमाते है की हमारी अंतिम यात्रा मैं ११०००० हजार का एक प्रतिशत याने ११० लोग हमारे फुनेरल मैं चले दोस्तों जिंदगी की एहमियत को इस सन्देश से समझे और कर्मशील और खुशाल जिंदगी को जीने का प्रयास करे... क्रोध इर्ष्य और हीन भावना को अपने पास तक आने न दे...
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